“घर का त्याग कर बिना खाए पिए समर्पित भावना से ईमानदारी, निडरता ,कर्मठता से डटे रहने वाला देवेन्द्र नाथ महतो का संघर्ष का संक्षेप कहानी”
सक्रीय आंदोलनकारी JBKSS रीड़ का हड्डी कहे जाने वाले केन्द्रीय वरीय उपाध्यक्ष सह JSSU प्रमुख देवेंद्र नाथ महतो का सम्पूर्ण उपलब्धि शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है, देवेन्द्र नाथ महतो परिचय के मोहताज नहीं हैं क्योंकि लंबे समय से रोज कहीं न कहीं किसी न किसी गम्भीर विषय को लेकर संघर्षरत हैं जिनका उपलब्धि भी अनेक है।
झारखंडियों का अपना पहचान खतियान, जल जंगल जमीन भाषा संस्कृति रीति रिवाज परंपरा हक अधिकार और हो रही अन्याय अत्याचार जुर्म के खिलाफ एक संघर्ष का प्रतीक हैं देवेन्द्र नाथ महतो
1. झारखण्ड आंदोलन के बाद 24 साल के झारखंड के इतिहास में पहली बार सबसे बड़ा आंदोलन 60_40 नाय चलतो आंदोलन के अगुआ रहे देवेन्द्र नाथ महतो जो 17 दिसंबर 2022 से निरंतर चरणबद्घ आंदोलन अभी भी जारी रखें हैं जो मुख्य रूप से दो बार एतिहासिक विधान सभा घेराव, मुख्यमंत्री आवास घेराव, दो बार झारखंड बंद, एक बार एक दिवसीय दूसरी बार दो दिवसीय एतिहासिक झारखंड बंद, पुतला दहन मशाल जुलूस कैंडल मार्च अनेकों बार सभी आंदोलन को एतिहासिक सफल बनाया।
2. खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर देवेंद्र नाथ महतो विधायक सांसद से लिखित समर्थन प्राप्त आभियान चलाकर भारत के आंदोलन के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने का मिशाल काम किया है।
3. झारखंड के समस्त हाट बाजार में ढ़ोल नगाड़ा बजाते हुए सकुआ पत्ता घुमाकर सिद्धू कान्हु आंदोलन का इतिहास को दोहराया है।
4. देवेंद्र नाथ महतो *60_40 नाय चलतो नियोजन नीति को सफल बनाने में अभी भी दृढ़ संकल्पित हैं, उन्होंने झारखंड के विज्ञापन में झारखंड के स्थानीय निवासी शब्द जोड़ने जब तक नहीं जुड़ेगा *बाल नहीं कटाने* का दृढ़ संकल्प लिया है।
5. पुलिस का लिखित रिपोर्ट बताता है कि देवेंद्र नाथ महतो झारखण्ड का एक वीर योद्धा है उनके आंदोलन के नेतृत्व से झारखंड के लगभग सभी 606 थाना में आंदोलनकारी छात्रों का कुछ न कुछ धारा लगा है या नोटिस जारी हुआ है जो झारखंड आंदोलन के बाद पहली बार हुआ है।
6. अपना घर त्याग कर सम्पूर्ण जिंदगी ईमानदारी पूर्वक कर्मठता से लड़ने वाले झारखण्डी योद्धा देवेन्द्र नाथ महतो का विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज भी हो चुका है जिसमें मुख्य रूप से लालपुर थाना, चुटिया थाना, बीआईटी थाना, बड़गाई थाना, जगन्नाथपुर थाना, गोंदा थाना, चुटिया थाना, लोअर बाजार थाना, कोतवाली थाना, नामकुम थाना, टाटीसिल्वे थाना, बुंडू थाना, सिल्ली थाना , चतरा, धनबाद के अलावा अन्य थाना में गम्भीर से गम्भीर गैर जमानती धारा लग चुका है फिर वह डरे नहीं हैं बल्कि उन्होंने सरकार को न्योता देते हुए कहा कि आम गरीब किसान मजदुर बेरोजागर छात्रों के लिए लोकतंत्र में संवैधानिक तरीके से आवाज उठाना गुनाह है तो *”आओ सरकार करो गिरफ्तार”* कहकर तिथि समय स्थान बताकर दिनभर उपस्थित रहा जो एक झारखण्डी योद्धा ही कर सकता है।
7. छठी जेपीएससी के समय निरंतर आंदोलन कर युवाओं ने रघुवर सरकार को बदला था जिसका नेतृत्व देवेंद्र नाथ महतो ने किया था लगातार 60 दिन धरना, पुतला दहन, जेपीएससी कार्यालय घेराव, कैंडल मार्च किया, अंत में भूख हड़ताल कर जेपीएससी को गलत करने से रोका।
8. सातवीं से दसवीं जेपीएससी का एतिहासिक आंदोलन देवेंद्र नाथ महतो के नेतृत्व में हुआ 60 दिन से ज्यादा सभी पर्व त्योहार त्यागकर सत्याग्रह में बैठा एफआईआर झेला, आंदोलन के टेंट को जप्त किया गया था, नजरबंद तक किया गया था।
9. देवेंद्र नाथ महतो के ईमानदारी निष्पक्ष और कर्मठ नेतृत्व के परिणामस्वरूप जेपीएससी में एक सेंटर के एक कक्षा में क्रमवार पास को सुधार करना पड़ा 450 फैल छात्रों का रिजल्ट पुनः जारी करना पड़ा था।
10. देवेंद्र नाथ महतो झारखण्ड के हर प्रमुख मुद्दा को रांची में जोर सोर से कर्मठता और निडरता से उठाया है जिसमें मुख्य रूप से होमगार्ड का मामला, सहायक पुलिस का मामला, उत्पाद सिपाही, जिला पुलिस, पारा शिक्षक, टीजीटी , पीजीटी, जूनियर इंजीनियर, 2011 एवम् 2016 में टेट उत्तीर्ण छात्रों का, इसके अलावा जेपीएससी और जेएसएससी के हर गड़बड़ी पर आईना दिखाने का काम किया।
11. देवेन्द्र नाथ महतो का अन्याय के खिलाफ संघर्ष का कहानी भी बहुत लंबा है जिसमें मुख्य रुप से रांची निर्भया कांड, सफायर हत्या कांड माशूम विनय महतो हत्याकांड, रूपेश हत्याकांड, अमिता तिर्की हत्याकांड, दिल्ली निर्भया कांड, मणिपुर नरसंहार कांड के अलावा अन्य हो रही शोषण के खिलाफ निरंतर आंदोलन का राजधानी रांची में ईमानदारी कर्मठता और निडरता से नेतृत्व किया।
12. देवेंद्र नाथ महतो आदिवासी मूलवासी रीति रिवाज परंपरा का संरक्षण को लेकर हमेशा सजकता का परिचय दिया है, हर विद्यालय, विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली सरहुल , कर्मा में भाग लेते रहा।
13. झारखंड का प्रसिद्ध लोक पर्व सरहुल पर्व यात्रा के समय वर्षों से अल्बर्ट एक्का चौक रांची में स्टेज लगाकर कर पहान का स्वागत करते आया है।
14. 11 जनवरी 2024 को इतिहास में पहली बार राजधानी रांची शहर के मेन रोड अलबर्ट एक्का चौक में राजधानी टुसू महोत्सव कराया।