ईचागढ़ तुता
रिपोर्ट : विमलेश कुमार
प्रखंड के तुता पंचायत बारदाडीह गांव में सरस्वती पूजा के उपलक्ष में बारदाडीह सलोआना ग्राम कमेटी द्वारा आयोजित विराट सांस्कृतिक कार्यक्रम पाता झूमर नाच एवं छौनृत्य कार्यक्रम के दौरान विस्थापित अधिकार मंच के अध्यक्ष एवं JBKSS के सक्रिय सदस्य राकेश रंजन ने संबोधन करते हुए कहा – हमारी हिंदू आराध्य देवी मां सरस्वती का त्योहार सरस्वती पूजा है, जिसे बसंत पंचमी भी कहा जाता है। यह ज्ञान की देवी मां सरस्वती के प्रति सम्मान व्यक्त करने और उनकी पूजा करने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत पर शुरू होता है । यह वो मौसम है जब फूल खिलते हैं, और पेड़ों को कठोर सर्दियों के बाद अपनी हरियाली वापस मिलती है। यह त्यौहार छात्र के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज़, ज्ञान और बुद्धिमत्ता से जुड़ा है।
उन्होंने आगे बताया कहा हमें इस बसंत ऋतु से सीख लेना की आवश्यकता है आज झारखंड में भी पिछले 23 वर्षों से गलत प्रतिनिधियों को चुनाव करने के कारण आज अभी तक हमें झारखंडी का पहचान तक नहीं मिला है जिस
तरह से इस ऋतु में पेड़ों में नया पत्ते और फूल लगते हैं जिस कारण पूरा प्रकृति ही हरा हो जाता है, इस तरह से आज झारखंड नव निर्माण के लिए एक नई विचारधारा टाइगर जयराम महतो के द्वारा जो कोयलांचल से चलकर कोल्हान तक पहुंचा है हम सभी को मिलकर इस विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है एक ऐसी विचारधारा जो जाति धर्म संप्रदाय रंग से ऊपर झारखंडी हित और झारखंडियों के लिए हो, एक ऐसा नीति के लिए लड़ाई लड़ना जो झारखंड के जल जमीन जंगल को बचाएं। आज हम सबको अपना तथा अपने बच्चों के भविष्य के लिए एकता के साथ इस लड़ाई को लड़ना होगा तथा अपना वोट का महत्व को समझते हुए योग्य व्यक्ति का चुनाव करना होगा। चाहे सरकारी योजना हो , झारखंडी हित के लिए नीति सिद्धांत हो अथवा सरकारी नियोजन हो सब कुछ अपना एक वोट से ही प्राप्त होता है इसलिए इस बार किसी के झांसे में ना आकर आत्म मंथन करके ,आवश्यकता हो तो एक वोट एक नोट के साथ हमें इस लड़ाई को लड़ना होगा।